आगरा के पनवारी कांड के बाद अकोला में हुए दंगों के मामले में एससी/एसटी विशेष न्यायालय ने 36 दोषियों को 5-5 साल की सजा सुनाई है। 21 जून 1990 को दलित बारात में घुड़चढ़ी को लेकर जाट समुदाय से विवाद हुआ जो हिंसा में बदल गया था। 34 साल तक चली सुनवाई के बाद यह फैसला आया है।
21 जून 1990 को पनवारी में हुई जातीय हिंसा के बाद अकोला में हुए दंगे में एससी/एसटी विशेष न्यायालय ने 36 दोषियों को 5-5 साल की सजा सुनाई है। यह विवाद एक दलित परिवार की बारात में घुड़चढ़ी को लेकर जाट समुदाय के लोगों से हुआ था, जो बाद में हिंसा में बदल गया। थाना कागारौल में दर्ज मुकदमे में धारा 147, 148, 149 और 310 के तहत केस दर्ज किया गया था।
कागारौल थाना में दर्ज मुकदमे की 34 साल तक चली सुनवाई के बाद एससी/एसटी न्यायालय ने शुक्रवार को फैसला सुनाया। इस दौरान 27 आरोपियों की मौत हो चुकी है, जबकि 16 को पहले ही बरी किया जा चुका था। सभी दोषी अकोला क्षेत्र के रहने वाले हैं।
फैसला आने के बाद एससी/एसटी कोर्ट परिसर में भारी भीड़ जमा हो गई। एहतियातन पुलिस फोर्स तैनात की गई। सजा पाए अभियुक्तों के परिजन हाईकोर्ट में अपील की तैयारी कर रहे हैं।