HomeUttar PradeshAgraGDP: अनिश्चितता के बावजूद भारत एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में सबसे बेहतर... 1.05 लाख...

GDP: अनिश्चितता के बावजूद भारत एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में सबसे बेहतर… 1.05 लाख का स्तर छू सकता है सेंसेक्स

अर्थव्यव्स्था के मोर्चे पर तमाम अनिश्चितताओं के बावजूद भारत एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में सबसे बेहतर स्थिति में है। एक रिपोर्ट के मुताबिक देश की इकोनॉमी को मजबूत सेवा निर्यात और घरेलू मांग में सुधार होने से समर्थन मिल रहा है।
अमेरिका की ओर से शुरू किए गए टैरिफ वार के कारण दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं में भारी उतार-चढ़ाव बना हुआ है। इसके बावजूद भारत एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में सबसे बेहतर स्थिति में है। इसकी प्रमुख वजह विभिन्न मोर्चे पर तेजी से सुधार होना है। मॉर्गन स्टेनली ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में कहा, व्यापारिक तनाव के कारण एशियाई देशों की आर्थिक वृद्धि पर जोखिम बना हुआ है। हालांकि, इस पृष्ठभूमि में भी भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती से आगे बढ़ रही है।

Advertisements
रिपोर्ट में कहा गया है कि माल आयात पर कम निर्भरता, मजबूत सेवा निर्यात और घरेलू मांग के लिए नीतिगत समर्थन के मामले में भारत बेहतर स्थिति में है। राजकोषीय और मौद्रिक नीतियों के कारण सुधार को रफ्तार देने में मदद मिलेगी। मौद्रिक सहजता अब तीन मोर्चों पर पूरी तरह लागू है, जिनमें ब्याज दर में कटौती, तरलता और नियामकीय अनुपालन में राहत शामिल है।

Advertisements
Advertisements
रिपोर्ट के मुताबिक, जीडीपी के अनुपात में कम माल आयात से भारत पर ज्यादा जोखिम नहीं है। मॉर्गन स्टेनली ने कहा, घरेलू मांग में सुधार हो रहा है। इससे विकास दर को गति मिलेगी और भारत को फिर से आर्थिक वृद्धि में नेतृत्व पाने में मदद मिलेगी। साथ ही, भारत सेवा निर्यात में बाजार हिस्सेदारी हासिल करना जारी रखेगा, जो 2020 के 3.9 फीसदी से बढ़कर 2024 में 4.4 फीसदी पहुंच जाएगी।

1.05 लाख का स्तर छू सकता है सेंसेक्स
मॉर्गन स्टेनली के विश्लेषकों को उम्मीद है कि अगर शेयर बाजार में बहुत ज्यादा तेजी रही तो सेंसेक्स दिसंबर, 2025 तक 105,000 के स्तर को छू लेगा। इसका मतलब है कि मौजूदा स्तरों से करीब 41 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। सामान्य मामलों में सेंसेक्स 93,000 के स्तर तक जा सकता है, यानी 25 फीसदी की तेजी।

  • दूसरी ओर, मंदी की स्थिति में सेंसेक्स लगभग छह फीसदी की गिरावट के साथ 70,000 के स्तर पर आ जाएगा। मॉर्गन स्टेनली ने कहा, कोरोना के बाद से बाजार का मूल्यांकन सबसे आकर्षक है।

सुधार के प्रमुख कारक

  • सरकारी पूंजीगत खर्च में निरंतर बढ़ोतरी देखी जा रही है।
  • खाद्य महंगाई में नरमी से वास्तविक घरेलू आय बढ़ रही है। सेवा निर्यात में सुधार हो रहा है।
  • निजी खपत में 2024 की चौथी तिमाही में सुधार के संकेत दिखे हैं। वास्तविक निजी खपत में वृद्धि 6.9 फीसदी तक पहुंच गई।
  • एफएमसीजी वॉल्यूम की वृद्धि दर सालाना बढ़कर 7.1 फीसदी पहुंच गई। यह मुख्य रूप से मजबूत ग्रामीण सुधार से प्रेरित है।

6.5 फीसदी रहेगी वृदि्ध दर
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2024-25 में 6.3 फीसदी और 2025-26 में 6.5 फीसदी रहेगी। भारतीय इक्विटी परिदृश्य आकर्षक बना हुआ है। आने वाले दशकों में देश वैश्विक उत्पादन में हिस्सेदारी बढ़ा सकता है। भारत दुनिया का सबसे अधिक मांग वाला उपभोक्ता बाजार होगा। देश एक बड़े एनर्जी ट्रांजिशन से गुजरेगा।

Advertisements
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments