न्यूमोनिया की समस्या से जूझ रहे पोप फ्रांसिस ने सोमवार को वीडियो-कॉन्फ्रेंस के जरिए वेटिकन के आध्यात्मिक रिट्रीट में शामिल हुए। हालांकि, वे अस्पताल में इलाज करा रहे थे, इसलिए रिट्रीट में शामिल हुए पुजारी, बिशप और कार्डिनल उन्हें न तो देख सके और न ही सुन सके।
न्यूमोनिया की समस्या से जूझ रहे पोप फ्रांसिस ने सोमवार को वीडियो-कॉन्फ्रेंस के जरिए वेटिकन के आध्यात्मिक रिट्रीट में हिस्सा लिया। साथ ही अब बात अगर उनके स्वास्थ्य की करें तो डॉक्टरों ने सोमवार को बताया कि पोप फ्रांसिस को अब निमोनिया के कारण जान का खतरा नहीं है, लेकिन उन्होंने उन्हें इलाज के लिए कुछ और दिनों तक अस्पताल में रखने का फैसला किया है। रिपोर्ट के अनुसार पोप फ्रांसिस के स्वास्थ्य में धिरे-धिरे सुधार आ रहा है। हालांकि वेटिकन ने कहा कि उनकी जटिल स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए, इलाज जारी रखने की आवश्यकता है।
पोप फ्रांसिस सोमवार को वीडियो-कॉन्फ्रेंस के जरिए वेटिकन के आध्यात्मिक रिट्रीट में शामिल हुए, क्योंकि वे दोहरे निमोनिया से उबर रहे थे। हालांकि, वे अस्पताल में इलाज करा रहे थे, इसलिए रिट्रीट में शामिल हुए पुजारी, बिशप और कार्डिनल उन्हें न तो देख सके और न ही सुन सके। इस सप्ताह रिट्रीट के दौरान, पोप को अनंत जीवन की आशा पर ध्यान दिया, जो एक विषय है जिसे उन्होंने अस्पताल में भर्ती होने से पहले चुना था।
वेटिकन ने दी जानकारी
वेटिकन ने बताया कि पोप अब श्वसन चिकित्सा और ऑक्सीजन का इस्तेमाल कर रहे हैं और रात के समय वे यांत्रिक वेंटिलेशन मास्क का उपयोग कर रहे हैं। पोप को पहले से फेफड़ों की पुरानी बीमारी है और एक फेफड़ा निकालने की सर्जरी हो चुकी है। पिछले महीने उन्हें ब्रोंकाइटिस और श्वसन संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था और अब उनका इलाज जारी है।
क्या है पोप फ्रांसिस को समस्या
88 वर्षीय पोप फ्रांसिस फेफड़ों की समस्या से जूझ रहे हैं। युवावस्था में ही उनके एक फेफड़े में समस्या हो गई थी, जिसके चलते उनकी हालत अब और गंभीर है। पोप फ्रांसिस को बाहर से ऑक्सीजन दी जा रही है। पोप को 14 फरवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पोप फ्रांसिस बायलेटरल निमोनिया से पीड़ित हैं। इस संक्रमण में फेफड़ों के अंदर मौजूद एयर सैक्स में सूजन पैदा हो जाती है। साथ ही फेफड़ों में लिक्विड भर जाता है। इसमें मरीज को सांस लेने में दिक्कत होती है और मरीज को खांसी, बुखार, ठंड, बदन दर्द और कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।