Sunita Williams: अंतरिक्ष में फंसे होने के बाद भी भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स कई रिकॉर्ड अपने नाम कर रही है। 5 जून 2023 को अंतरिक्ष में आठ दिनों के लिए गईं सुनीता विलियम्स अब कुछ हफ्तों में ही धरती पर लौट सकती हैं।
नासा की भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में फंसे होने के बाद लगातार इतिहास रचती जा रही हैं। सुनीता विलियम्स पिछले जून से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर हैं। इस दौरान उन्होंने 900 घंटे से अधिक शोध कार्य किए और कई अद्भुत प्रयोगों में हिस्सा लिया।
अब तक अंतरिक्ष में 600 से अधिक दिन बिता चुकीं 59 वर्षीय सुनीता विलियम्स ने 62 घंटे 9 मिनट तक स्पेसवॉक किया, जो किसी भी महिला अंतरिक्ष यात्री की तरफ से किया गया सबसे लंबा समय है। उन्होंने 16 और 30 जनवरी को दो महत्वपूर्ण स्पेसवॉक किए, जिनमें से एक 5 घंटे 26 मिनट और दूसरा 6 घंटे का था। इतना ही नहीं, उनके मिशन के दौरान उन्हें आईएसएस का कमांडर भी बनाया गया, जो किसी भी अंतरिक्ष यात्री के लिए बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है। आईएसएस को मानव इतिहास का सबसे महंगा इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट माना जाता है, जो पिछले 25 वर्षों से लगातार सक्रिय है।
8 दिन का मिशन, महीनों तक बढ़ा
सुनीता विलियम्स और उनके साथी एस्ट्रोनॉट बुच विलमोर ने 5 जून 2023 को बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान से उड़ान भरी थी और अगले दिन आईएसएश पर पहुंचे थे। यह मिशन सिर्फ 8 दिन का होना था, लेकिन तकनीकी खराबियों, स्पेस डेब्री (अंतरिक्ष मलबे) और हीलियम लीक जैसी समस्याओं के कारण यह महीनों तक बढ़ता चला गया। हालांकि, नासा ने संकेत दिया है कि सुनीता विलियम्स कुछ हफ्तों में धरती पर लौट सकती हैं।
1. अंतरिक्ष यान को पायलट करना और परीक्षण करना
उन्होंने आईएसएस जाते समय बोइंग स्टारलाइनर को पायलट किया, जिसे बनाने में उन्होंने खुद योगदान दिया था। वह पहली महिला अंतरिक्ष यात्री बनीं, जिन्होंने एक अंतरिक्ष कैप्सूल का परीक्षण किया।
2. आईएसएस की सफाई और मरम्मत
उन्होंने और उनके साथी ने आईएसएस के पुराने उपकरणों को बदला, रखरखाव किया और ढेर सारे कचरे को पृथ्वी पर वापस भेजा।
3. 900 घंटे से ज्यादा वैज्ञानिक अनुसंधान
नासा के अनुसार, सुनीता विलियम्स और उनकी टीम ने 150 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोगों पर 900 घंटे से अधिक शोध कार्य किया।
4. अंतरिक्ष में वेट ट्रेनिंग और स्वास्थ्य परीक्षण
आईएसएस पर शून्य गुरुत्वाकर्षण के कारण शरीर पर असर पड़ता है, इसलिए उन्होंने वजन प्रशिक्षण और शारीरिक व्यायाम किए। हालांकि इस दौरान कुछ अफवाहें आई थीं कि उनका वजन घट गया है, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका वजन आईएसएस पहुंचने के समय जितना था, उतना ही है।
5. अंतरिक्ष में खेती / बागवानी
उन्होंने अंतरिक्ष में सलाद पत्तों को पानी दिया और उनके विकास का अध्ययन किया। यह प्रयोग भविष्य में अंतरिक्ष यात्राओं के दौरान पौधों से ताजा और पोषक भोजन प्राप्त करने की दिशा में मदद करेगा।
6. जल पुनर्प्राप्ति प्रणाली पर प्रयोग
उन्होंने पैक्ड बेड रिएक्टर प्रयोग: जल पुनर्प्राप्ति श्रृंखला (पीबीआरई-डब्ल्यूआरएस) के तहत यह जांच की कि अंतरिक्ष में पानी को कैसे शुद्ध और पुनः प्राप्त किया जा सकता है।
7. जीवाणु पर रिसर्च
उन्होंने बैक्टीरिया और यीस्ट पर प्रयोग किए, जिससे यह समझने में मदद मिलेगी कि शून्य गुरुत्वाकर्षण में सूक्ष्मजीव कैसे बढ़ते और काम करते हैं। यह शोध अंतरिक्ष में भविष्य के भोजन, दवाइयां और अन्य उत्पाद बनाने में मदद करेगा।
8. अंतरिक्ष से त्योहारों और खेलों की शुभकामनाएं
इस दौरान सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष से दिवाली, क्रिसमस और नए साल की शुभकामनाएं भेजीं। वहीं उन्होंने 2024 पेरिस ओलंपिक्स के खिलाड़ियों को भी शुभकामनाएं भी दीं।
पृथ्वी पर लौटने के बाद, सुनीता विलियम्स चार अलग-अलग अंतरिक्ष यानों में उड़ान भरने वाली पहली महिला बन जाएंगी। ये अंतरिक्ष यान हैं-
- स्पेस शटल
- सोयुज
- बोइंग स्टारलाइनर
- स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन
राजनीतिक उथल-पुथल से दूर, अपने मिशन पर केंद्रित
जब वह अंतरिक्ष में थीं, तब अमेरिका में राजनीतिक और प्रशासनिक बदलाव हुए, लेकिन उन्होंने खुद को राजनीतिक बहसों से दूर रखा और अपने मिशन पर ध्यान केंद्रित किया।