कहा, दीपावली के अवसर पर मां लक्ष्मी व मां काली की प्रतिमा की स्थापना की भी परंपरा है। अधिकारी प्रतिमा स्थापना कराने वाली संस्थाओं/समितियों से संवाद करें आैर संवेदनशील क्षेत्रों में पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाए। दीपावली से पहले सभी समुदाय के धर्माचार्यों से संवाद व पीस कमेटी की बैठक कर ली जाए।

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यह भी दिए निर्देश

  • सोशल मीडिया की सतत निगरानी हो। किसी भी भ्रामक सूचना का तत्काल खंडन किया जाए।
  • नेपाल सीमा से जुड़े जिलों की संवेदनशीलता को देखते बेहतर इंटेलिजेंस का प्रयास हो।
  • धनतेरस व दीपावली पर बाजारों में रहे कड़ी सुरक्षा। पैदल गश्त करें पुलिसकर्मी।
  • खाद्य पदार्थों की जांच की कार्रवाई तेज की जाए। पर जांच के नाम पर उत्पीड़न का प्रयास न हो।
  • पटाखों की दुकानें व गोदाम आबादी से दूर बनें। पटाखा दुकानों के पास पर्याप्त संख्या में दमकल वाहन रहें।
  • पटाखों की दुकान खुले स्थान पर लगवाई जाएं। उन्हें लाइसेंस/एनओसी समय से दे दी जाए।
  • पटाखों के अवैध भंडारण पर कठोर कार्रवाई की जाए।
  • उज्ज्वला योजना के सभी लाभार्थियों को दीपावली से पूर्व मुफ्त सिलेंडर उपलब्ध हो जाए।
  • हर शहर में ट्रैफिक प्लान तैयार करें, जिससे बाजारों में जाम न लगे।
  • संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाए।
  • हर छोटी घटना को पूरी गंभीरता से लेकर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
  • किसी भी अप्रिय घटना की सूचना पर डीएम-एसपी तत्काल मौके पर पहुंचे।
  • आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं, ट्रामा सेंटर अनवरत रूप से चलते रहें।
  • गांव व शहर सभी जगह चिकित्सकों की उपलब्धता रहे।
  • परिवहन विभाग ग्रामीण रुट पर बसों की संख्या बढ़ाए।

अयोध्या-वाराणसी में हो और बेहतर भीड़ प्रबंधन

योगी ने कहा कि अयोध्या में श्रीरामलला के विगृह की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहला दीपोत्सव पड़ रहा है। इस बार दीपोत्सव में स्वाभाविक रूप से श्रद्धालुओं की उपस्थिति अपेक्षाकृत अधिक होगी। इसी प्रकार, 15 नवंबर को वाराणसी में देव-दीपावली मनाई जाएगी। दोनों ही आयोजनों में सुरक्षा व भीड़ प्रबंधन की और बेहतर व्यवस्था किए जाने का निर्देश दिया। कहा, दीपोत्सव व देव दीपावली की गरिमा के अनुरूप सभी आवश्यक तैयारियां समय से पूरी कर ली जाए।

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स्वच्छता-सुरक्षा का मानक पर्व बने छठ

योगी ने कहा कि छठ पर्व को स्वच्छता व सुरक्षा के मानक पर्व के रूप में आयोजित किया जाए। छठ महापर्व पर पूजा/अनुष्ठान के दौरान पूरे प्रदेश में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। नगर विकास व पंचायती राज विभाग द्वारा विशेष प्रयास किये जाए। नदियां/जलाशय दूषित न हों। बेहतर यातायात प्रबंधन भी रहे।