अब सरकार ने विशेष उच्च योग्यता वाले दिव्यांगों के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहायता देने का फैसला किया है। इस फैसले से 10 हजार दिव्यांगों को लाभ मिलेगा।

दिव्यांगता की श्रेणी में हैं कितने लोग?

सरकार की ओर से बताया गया है कि इसे तत्काल लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, दिल्ली में लगभग 2.44 लाख से अधिक लोग दिव्यांगता की श्रेणी में आते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार, इनमें से लगभग 9,500 से 10,000 लोग ऐसे हैं, जिन्हें ‘पर्सन विद हाई स्पेशल नीड्स’ कहा जा सकता है।

इस समय दिल्ली सरकार 1,20,000 दिव्यांगजनों को पेंशन देती है, जिनकी दिव्यांगता 42 प्रतिशत से अधिक है। उनका मेडिकल सर्टिफिकेट और यूडीआइडी कार्ड बनता है, जिससे उन्हें पेंशन का अधिकार मिलता है।

बुजुर्गों को पेंशन नहीं मिलने पर आंदोलन करेंगे BJP विधायक

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री को पत्र लिखकर पिछले सात वर्षों से लंबित पड़े वृद्धावस्था पेंशन के आवेदनों को स्वीकार करने की मांग की है। कहा, सरकार नए आवेदन स्वीकार करे तो कम से कम 80 हजार नए लोगों को पेंशन मिल सकती है। उन्होंने कहा, वर्तमान में दिल्ली की वृद्धावस्था पेंशन योजना की अधिकतम सीमा 5.30 लाख लाभार्थियों की है। लाभार्थियों की संख्या पिछले सात वर्षों से नहीं बढ़ी है।

उन्होंने विधानसभा में भी यह मुद्दा उठाया था। विभाग द्वारा उन्हें पत्र भेजकर बताया गया है कि लाभार्थियों की संख्या की निर्धारित क्षमता सीमा पूर्ण होने के कारण नए आवेदन स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं। निर्धारित सीमा में वृद्धि करना नीतिगत विषय है जिसका निर्णय कैबिनेट द्वारा किया जाता है।
उन्होंने दावा किया कि इस समय सरकार के पास लगभग पांच लाख नए आवेदन लंबित हैं। पेंशन प्राप्त करने वालों में से लगभग 80 वरिष्ठ नागरिकों की या तो मृत्यु हो गई है अथवा वह दिल्ली छोड़कर चले गए हैं। इनके स्थान पर 80 हजार अन्य बुजुर्गों को पेंशन मिल सकती है। कहा, यदि सरकार ने 24 घंटे में सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो भाजपा विधायक बुजुर्गों के साथ आंदोलन करेंगे।