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अखिल भारतीय इमाम संगठन के चीफ इमाम बोले- ‘शब-ए-बरात’ के दौरान घरों में रहें

अखिल भारतीय इमाम संगठन के चीफ इमाम उमर अहमद इल्यासी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी का एक ही इलाज है और वो एक-दूसरे से दूरी। उन्होंने कहा, ‘मैं अपने भारतवासियों से एक अपील करूंगा कि देश में इस समय कोरोना के जो नंबर बढ़ रहे हैं इसका का सिर्फ एक ही इलाज है और वो सामाजिक दूरी है और सरकार ने जो गाइडलाइन दी है उसका पालन करें यही इसका एक मात्र इलाज है।’

वहीं, उन्होंने शब-ए-बरात पर बात करते हुए कहा, ‘मैं अपने मुसलमान भाईयों और इमामों से ये गुज़ारिश करता हूं कि कल से शब-ए-बरात शुरू होने वाला है तो आप सभी लॉकडाउन और धारा 144 का पालन करें और घरों में रह कर इबादत करें।’

बता दें इससे पहले केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी भी मुस्लिमों से शब-ए-बरात के मौके पर लॉकडाउन के नियमों का पालन करने की अपील कर चुके हैं। उन्होंने शब-ए-बरात के दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और अपने घरों पर अन्य धार्मिक अनुष्ठान करने की अपील की।

इसी के साथ जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी और जमीयत उलमा-ए-हिंद के नेता महमूद मदनी भी देश के मुसलमानों से घरों के अंदर रहने और नमाज अदा करने की अपील कर चुके हैं। बता दें कि शब-ए-बरात को माफी की रात के रूप में जाना जाता है। इस साल यह आठ और नौ अप्रैल की रात को पड़ता है।

जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मुसलमानों ने शासन-प्रशासन के निर्देशों के मुताबिक लॉकडाउन का पालन करते हुए जुमे की नमाज जमात के साथ पढ़ना छोड़ दिया तो ऐसे में शब-ए-बराअत की इबादत पर भी यही हुक्म लागू होगा। उन्होंने अपील की कि सभी अहले मोमिम अपने घरों में ही पूरी रात जागकर इबादत के दौरान रो-रो कर दुआ करें कि अल्लाह पूरी दुनिया को कोरोना से बचा लें। उन्होंने यह भी कहा कि शब-ए-बरात में कब्रिस्तान न जाकर अपने घर से ही फातिहा पढ़ लें।

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