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संगठित रहेंगे तो ही खुद व देश को रख सकेंगे सुरक्षित, विजयदशमी पर सीएम योगी का संदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जब हम संगठित रहेंगे तभी खुद और देश को सुरक्षित रख सकेंगे। हमें उन पाखंडियों से दूरी बनाकर रहना है, जिसके चलते हमें गुलामी का दंश झेलना पड़ा और आक्रांताओं को हमारे धर्मस्थलों को खंडित करने और सामाजिक तानेबाने को छिन्न-भिन्न करने का मौका मिल सका। मुख्यमंत्री विजयदशमी के अवसर पर शनिवार की शाम मानसरोवर मैदान में श्रीरामलीला समिति, आर्यनगर की रामलीला के मंच से श्रीराम के राजतिलक करने के बाद संबोधित कर रहे थे।

योगी ने सभी लोगों को विजयादशमी की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि संगठित न रहने के कारण ही गुलामी के अलग अलग कालखंड में कभी काशी में विश्वनाथ मंदिर, अयोध्या में राम मंदिर और मथुरा में श्रीकृष्ण मंदिर को अपवित्र करने दुस्साहस आक्रांताओं ने किया।

हम परतंत्र होंगे तो फिर ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक स्वतंत्रता सिर्फ राजनीतिक ही नहीं होती बल्कि वह सांस्कृतिक और आध्यात्मिक स्वतंत्रता की वाहक भी होती है। इसलिए हमें संगठित होकर स्वतंत्रता दिलाने वाले अनेकानेक बलिदानियों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संगठित रहने ओर संगठन की ताकत दिखाने के लिए आवश्यक है कि हम जाति, मत, संप्रदाय, भाषा, छुआछूत जैसे भेदभाव से दूर रहें। इसी संदेश के साथ लोगों को जोड़ने के लिए अयोध्या में जहां 500 वर्षों के बाद प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बना है तो वहीं श्रीराम की कथा को देने वाले महर्षि वाल्मीकि के नाम पर अयोध्या के एयरपोर्ट का नामकरण किया गया है।

अयोध्या में माता शबरी के नाम पर रसोईघर बना है तो यात्री विश्रामालय भगवान राम के अभिन्न सखा निषादराज के नाम पर। यह सामाजिक एकता भारत की विरासत का हिस्सा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि श्रृंगवेरपुर में भगवान राम और निषादराज की गले मिलती प्रतिमा का निर्माण सरकार करवा चुकी है। वर्ष 2025 में प्रयागराज में भव्य और दिव्य कुंभ का आयोजन भी विरासत के प्रति निष्ठा का प्रदर्शन होगा।

योगी ने लोगों को किया सचेत

योगी ने लोगों को सचेत करते हुए कहा कि दुनिया में कहीं अन्य जगह जब सभ्यता का नामोनिशान नहीं था तब भारत में सभ्य सनातन समाज अस्तित्व में था। सनातन समाज कभी विपन्न नहीं रहा। वह बुद्धि और वैभव में सदैव अग्रणी रहा। साजिश के तहत क्षेत्र, जाति, भाषा, मत आदि के नाम पर मध्यकाल में उसे विभाजित किया गया, जिसके विषाणु आज भी यत्र-तत्र बिखरे पड़े हैं। इन विषाणुओं को हमें कतई पनपने नहीं देना है। हमें संगठित होकर सकारात्मक दिशा में राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव से जुड़ना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विजयदशमी पर एक तरफ जहां श्रीराम का राज्याभिषेक होता है, उनकी आरती उतारी जाती है तो वहीं दूसरी तरफ इस अवसर पर रावण का पुतला दहन भी होता है। इसमें यह संदेश निहित है कि जो भी मानवता के खिलाफ काम करेगा, उसका ऐसे ही पुतला जलेगा और जो धर्म, सत्य और न्याय के मार्ग पर चलते हुए मानवता का कल्याण करेगा उसकी पूजा होती रहेगी।

आस्था के रथ पर सवार योगी पर बरसे श्रद्धा के फूल

विजयदशमी के अवसर पर मुख्यमंंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में आयोजनों का सुबह से ही शुरू हो गया। सुबह से सबसे पहले योगी ने नाथपंथ के आदिगुरु गुरुश्री गोरक्षनाथ का परंपरा के अनुसार विशिष्ट पूजन किया। उसके बाद संतों व भक्तों से तिलक लगवाकर उनकाे आशीर्वाद लिया। तिलकोत्सव कार्यक्रम सम्पन्न होते ही मुख्यमंत्री विजय रथ पर सवार हुए और मंदिर से मानसरोवर रामलीला मैदान के लिए विजय शोभायात्रा निकली।शोभायात्रा में विजयरथ पर सवार योगी आदित्यनाथ का पूरे रास्ते लोगों ने अभिनंदन किया। लोग उनके ऊपर श्रद्धा के फूल बरसाते रहे। योगी ने सभी का अभिनंदन स्वीकार किया और नौ दिन तक चले नवरात्र अनुष्ठान का प्रसाद दिया। शोभायात्रा सम्पन्न होने के बाद गोरखनाथ मंदिर में सहभोज का आयोजन किया गया, जिसमें बिना किसी भेदभाव के लोगों ने भोजन के रूप में मंदिर का प्रसाद ग्रहण किया।

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