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होमगार्ड ड्यूटी घोटाले के आरोपी कमांडेंट कृपा शंकर पांडेय को मिला प्रमोशन, शासनादेश जारी

होमगार्ड जवानों की फर्जी ड्यूटी दिखाकर मानदेय हड़पने के गंभीर मामले में आरोपी  लखनऊ के तत्कालीन जिला कमांडेंट कृपा शंकर पांडेय को मंडलीय कमांडेंट के पद पर प्रोन्नति प्रदान की गई है। उन्हें सुरक्षित पद पर कामचलाऊ प्रबंधन के रूप में मंडलीय कमांडेंट के पद पर तैनाती के लिए यह निर्णय किया गया है।

होमगार्ड विभाग ने इसका शासनादेश जारी किया है, जिसके अनुरूप उन्हें मंडलीय कमांडेंट के पद पर अगले आदेशों तक के लिए तदर्थ प्रोन्नति प्रदान की गई है। यह भी कहा गया है कि तदर्थ प्रोन्नति कभी भी समाप्त की जा सकती है। प्रोन्नति कृपा शंकर पांडेय के विरुद्ध लखनऊ के गोमतीनगर थाने में दर्ज मुकदमे में कोर्ट के अंतिम निर्णय के अधीन होगी। वहीं जिला कमांडेंट विश्वंभर प्रसाद मिश्र को भी मंडलीय कमांडेंट के पद पर प्रोन्नति प्रदान की गई है।

पांच साल पहले सामने आया था मामला

होमगार्ड जवानों की फर्जी ड्यूटी दिखाकर उनका मानदेय हड़पे जाने का बड़ा खेल वर्ष 2019 में सामने आया था। नोएडा, लखनऊ, अलीगढ़ समेत कई जिलों में घोटाला पकड़ा गया था। जांच के दौरान लखनऊ के गुडंबा व विभूतिखंड थाने में तैनात होमगार्ड जवानों का लाखों रुपए मानदेय हड़पने का मामला भी सामने आया था।

इस मामले में गोमतीनगर थाने में होमगार्ड के तत्कालीन जिला कमांडेंट कृपा शंकर पांडेय के विरुद्ध गबन व धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। उनकी गिरफ्तारी के बाद निलंबन हुआ था। शासन ने अगस्त 2021 में उनके विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति प्रदान की थी। आरोपित जिला कमांडेंट हाई कोर्ट के आदेश पर बहाल हुए थे। डीजी होमगार्ड बीके मौर्य का कहना है कि रिक्त पद के अनुरूप तदर्थ प्रोन्नति की व्यवस्था के अनुरूप जिला कमांडेंट कृपा शंकर पांडेय को प्रोन्नति प्रदान की गई है।

भ्रष्टाचार के आरोप से दोषमुक्त हुए जिला कमांडेंट भी प्रोन्नत

होमगार्ड विभाग ने भ्रष्टाचार के आरोप से दोषमुक्त हुए कानपुर नगर के तत्कालीन जिला कमांडेंट सुबाष राम को भी मंडलीय कमांडेंट के पद पर प्रोन्नति प्रदान की है। वर्ष 2005 में विजिलेंस ने जिला कमांडेंट को भ्रष्टाचार के मामले में पकड़ा था और आरोपित बनाया था।

उनके विरुद्ध कानपुर के गोविंद नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। शासन ने 24 मार्च, 2006 को सुबाष राम के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति दी थी। कोर्ट ने 10 दिसंबर, 2021 को दोषमुक्त कर दिया था। चयन समिति की सिफारिश पर उन्हें मंडलीय कमांडेंट के पद पर पदोन्नति प्रदान की गई है।

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