रामपुर
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां के हमसफर रिसार्ट मामले में भी सुनवाई शुरू हो गई है। इसमें पहली गवाही वादी मुकदमा की कराई जा रही है। इस मुकदमे के वादी अलीगढ़ के तहसीलदार कृष्ण गोपाल मिश्रा हैं। छह अगस्त को मुकदमे की सुनवाई है। न्यायालय ने उन्हें तलब किया है। यह मामला भी वर्ष 2019 का है।
भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने हमसफर रिसार्ट में सरकारी भूमि कब्जाने की शिकायत की थी। शिकायत पर जांच की गई। तब कृष्ण गोपाल मिश्रा तहसील सदर में नायब तहसीलदार थे। उन्होंने जांच कर शहर कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें कहा था कि राजस्व टीम ने जांच और पैमाइश के बाद पाया कि एक गाटा संख्या, जो ग्राम सभा की है और वह अभिलेखों में खाद के गड्ढों के रूप में दर्ज है। इसके अतिरिक्त दो गाटा संख्या पर रास्ता दर्ज है। इन सभी को हमसफर रिसार्ट की चारदीवारी में मिलाकर कब्जा कर लिया गया है।
रिसार्ट आजम खां की पत्नी और बेटों के नाम दर्ज है, इसलिए तीनों के खिलाफ पुलिस ने सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर ली थी। पुलिस ने जांच के बाद तीनों के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया था। न्यायालय ने मार्च माह में तीनों पर आरोप तय कर दिए थे।
मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रॉयल) में चल रही है। इसमें गवाही की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पहली गवाही मुकदमा वादी की है। 19 जुलाई को मुकदमा वादी गवाही के लिए न्यायालय के समक्ष उपस्थित हुए थे।वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने बताया कि पिछली तारीख पर गवाह के बयान न्यायालय में दर्ज हो गए हैं। अब छह अगस्त को गवाह से बचाव पक्ष के अधिवक्ता जिरह करेंगे।