HomeUttar PradeshAgra'मोदी ने 10 वर्षों तक देश की आवाज को दबाया, इसलिए जनता...

‘मोदी ने 10 वर्षों तक देश की आवाज को दबाया, इसलिए जनता ने चुनाव में उन्हें सजा दी’; कांग्रेस का आरोप

नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने ही 10 वर्षों तक देश की आवाज को दबाया और इसीलिए लोकसभा चुनावों में लोगों ने उन्हें दंडित किया है। कांग्रेस के मीडिया एवं पब्लिसिटी विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि जिस व्यक्ति ने 10 वर्षों तक देश का गला घोटा और उसकी आवाज को दबाया, वह आज विपक्ष द्वारा आवाज उठाए जाने पर बेहद कमजोर दिखाई दिया और आंसू बहाता दिखा।

खेड़ा ने एक्स पोस्ट में कहा, ‘उन्होंने कहा कि विपक्ष ने ढाई घंटे तक प्रधानमंत्री की आवाज दबाई। प्रधानमंत्री मोदी को यह याद दिलाना जरूरी है कि पिछले 10 वर्ष के उनके अन्यायपूर्ण शासन में पूरे देश का दम घुटता रहा, जिसकी सजा जनता ने उन्हें दी है।’ खेड़ा ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी यह भूल गए हैं कि वह बहुमत वाली सरकार के प्रधानमंत्री नहीं हैं, बल्कि दो दलों के समर्थन से चल रही राजग सरकार के एक तिहाई प्रधानमंत्री हैं।’

कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें मोदी सरकार शब्द का इस्तेमाल करने से भी बचना चाहिए और खुद को लोकतांत्रिक साबित करना चाहिए। खेड़ा ने नीट मामले का जिक्र करते हुए कहा, ”प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को यह याद दिलाना उचित होगा कि जब वह यह भाषण दे रहे थे, तब सुप्रीम कोर्ट देश के 32 लाख छात्रों की आवाज दबाने और उनकी सरकार द्वारा उनके साथ किए गए अन्याय के विरुद्ध सुनवाई कर रहा था।”

Advertisements

खेड़ा ने कहा, ”जब आप अहंकार और झूठ से भरा भाषण दे रहे थे तो आपको यह बताना जरूरी है कि देश के 15 से ज्यादा अग्निवीर देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने का सपना दिल में लिए आत्महत्या करने को मजबूर हुए।” कांग्रेस नेता ने दावा किया कि देश में हर घंटे 19 किसान और मजदूर फांसी लगाकर आत्महत्या करने को मजबूर होते हैं।

Advertisements

खेड़ा ने कहा, ”आप सही कह रहे हैं प्रधानमंत्री जी, संसद देश के लिए है। यह किसी राजा का दरबार नहीं है। इसलिए विपक्ष को मजबूरन संसद में देश के नौजवानों, किसानों, जवानों, मजदूरों, महिलाओं, पिछड़ों, वंचितों, आदिवासियों और गरीबों की आवाज व दर्द को उठाना पड़ रहा है। देश की आवाज उठाने के लिए आपको बार-बार टोकना और रोकना हमारा संसदीय कर्तव्य है। आपको भी यह समझना चाहिए कि सब कुछ छोड़कर देश की तात्कालिक जरूरतों और समस्याओं से जुड़े सवालों को सुनना जरूरी है।”

खेड़ा ने आगे कहा, ”देश ने अब आपको अपनी बात कहने का तीसरा मौका दिया है। देश की संसद चलाइए, सेंगोल का राजदरबार मत बनाइए।”लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा कि सोमवार के प्रश्नकाल में नीट का मुद्दा दूसरे विषय के रूप में सूचीबद्ध था, लेकिन मोदी उससे पहले ही उठकर चले गए।

गौरव गोगोई ने संसद के बाहर कहा, ”वह क्यों गए? क्या इस मुद्दे पर जवाब देना उनकी जिम्मेदारी नहीं थी? जब हमने शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग की, तो उन्होंने (धर्मेंद्र प्रधान) अहंकार से कहा कि जब उन्हें प्रधानमंत्री मोदी ने शिक्षा मंत्री नियुक्त किया है, तो वह इस्तीफा क्यों देंगे।” लोकसभा में कांग्रेस के सचेतक मणिक्कम टैगोर ने कहा कि प्रधानमंत्री को सकारात्मक काम करके जो उपदेश देते हैं, उसे खुद भी अपनाना चाहिए। वह बाहर कुछ और कहते हैं और सदन के अंदर कुछ और करते हैं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments