सूत्रों का कहना है कि पहले केशव और नड्डा के बीच करीब एक घंटे की मुलाकात में पार्टी के नेताओं के बयानों से हो रहे नुकसान पर चर्चा हुई। सूत्रों की माने तो एक सप्ताह पहले भी केशव अमित शाह और नड्डा से मिले थे। इसमें दोनों शीर्ष नेताओं ने पार्टी विधायकों, मंत्रियों और पूर्व मंत्रियों द्वारा नौकरशाही को लेकर दिए जा रहे बयानों से पार्टी को नुकसान होने और बयानबाजी रोकने को कहा था।
इस बीच कार्यसमिति की बैठक में केशव के बयान से प्रदेश का सियासी माहौल फिर गरमा गया है। बता दें, एक महीने के दौरान सीएम की मौजूदगी में हुई कैबिनेट व अन्य बैठकों में भी केशव नहीं पहुंचे थे। वे ज्यादातर दिल्ली में ही रहे और उनके शीर्ष नेतृत्व से मिलने की खबरें आती रहीं। इसके बाद से कयासबाजी हो रही है। सोमवार को निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने भी केशव के बयान का समर्थन किया था। इस पर भी हाईकमान नाराज है।
संगठन में बदलाव की भी चर्चा
केशव के बाद प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी नड्डा मिले। नड्डा ने चौधरी से भी सरकार और संगठन के मनमुटाव की चर्चाओं को रोकने को कहा है। सूत्रों के मुताबिक मुरादाबाद में निजी कार्यक्रम के लिए लखनऊ से निकले चौधरी के अचानक दिल्ली पहुंचने को प्रदेश संगठन में बदलाव से जोड़कर देखा जा रहा है। चर्चा है कि राष्ट्रीय व प्रदेश संगठन में भी बदलाव होना है। सूत्रों के मुताबिक दोनों में इस मुद्दे पर बात हुई है।