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एक नहीं कई तरह के होते हैं Headaches, दिखें इस तरह के लक्षण तो हो जाएं सावधान!

सिरदर्द एक आम समस्या है, जिसे आमतौर पर बहुत गंभीरता से नहीं लिया जाता है। अक्सर दर्द ज्यादा बढ़ने पर लोग पेन किलर लेकर कुछ समय के लिए इससे राहत पा लेते हैं। हालांकि, कई बार सिर में होने वाला दर्द आम नहीं होता और इसे हल्के में लेना हानिकारक हो सकता है। सिरदर्द भी कई प्रकार के होते हैं, जिनमें से अधिकतर बहुत गंभीर नहीं होते हैं। लगभग 150 से अधिक प्रकार के सिरदर्द होते हैं, जिनमें से ये पता लगा पाना मुश्किल होता है कि कौन सा सिरदर्द गंभीरता से लेना चाहिए।

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ऐसे आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे सिरदर्द के कुछ प्रकार और उन्हें कुछ ऐसे लक्षण जिनसे आप सिरदर्द के कारण का आसानी से पता लगा पाएंगे-

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उल्टी और मितली के साथ सिरदर्द

ऐसा अक्सर माइग्रेन के केस में होता है। अगर आपको बहुत तेज सिरदर्द के साथ उल्टी और मितली जैसा महसूस हो और कई बार उल्टी हो भी जाती है, तो यह माइग्रेन का दर्द होता है। अगर उल्टी के कई बार हो चुकी है, तो इस सिरदर्द को गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि इससे डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है।

फीवर और गले में अकड़न के साथ सिरदर्द

अगर तेज सिरदर्द के साथ आपको फीवर और गले में अकड़न हो जाए और ये स्थिति लंबे समय तक बरकरार रहे, तो यह एलर्ट होकॉर्ड मेंब्रेन के संक्रमण यानी मेनिनजाइटिस हो सकता है। इसके साथ ही सुस्ती और रैशेज है, तो ये मेनिनजाइटिस के लक्षण हो सकते हैं। इसके अलावा यह ब्रेन और स्पाइनल की समस्या भी हो सकती है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और सेल्फ मेडिकेशन यानी खुद से इलाज या दवा तो बिल्कुल नहीं लेना चाहिए।

चक्कर के साथ सिरदर्द

आमतौर पर कमजोर इम्युनिटी वालों को सिरदर्द होते ही भूख नहीं लगती है, जिससे कमजोरी महसूस होती है और खाली पेट होने के कारण चक्कर आने लगते हैं। लेकिन इस दौरान इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि कहीं हाल ही में सिर पर किसी प्रकार की छोटी या बड़ी चोट न लगी हो। ऐसी स्थिति में भी तेज सिरदर्द के साथ चक्कर आ सकते हैं, जो ब्रेन इंजरी यानी दिमाग में चोट लगने के लक्षण हैं। ऐसे में बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करें।

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तनाव या डिप्रेशन के साथ तेज सिरदर्द

कभी-कभी कंफ्यूजन, भटकाव, शारीरिक असंतुलन के साथ कमजोरी, चलने और खड़े रहने में दिक्कत, बोलने में असक्षम या लड़खड़ाती जुबान के साथ सिरदर्द होता है, तो इसे बिल्कुल भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह एक इमरजेंसी स्थिति है और ऐसे में लक्षणों के ठीक होने का इंतजार नहीं करना चाहिए और तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें, क्योंकि ये स्ट्रोक के लक्षण हो सकते हैं।

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