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हिंदी में बोलकर वैलेंटाइन के दिन मंगोलिया के एम्बेसडर ने मारवाह स्टूडियो के स्टूडेंट्स का जीता दिल

नोएडा के मारवाह स्टूडियो में चल रहे 8वें ग्लोबल फेस्टिवल ऑफ़ जर्नलिज्म के तीसरे दिन की शुरुआत भारतीय गौरवशाली परंपरा गणेश वंदना के साथ की गई। इस कार्यक्रम के प्रारंभ में आईसीएमईआई के प्रेसिडेंट संदीप मारवाह जी का भव्य तरीके से स्वागत किया गया और उनके द्वारा किए कार्यों को सराहा गया।
इस अवसर पर फिल्ममेकर और लेखक विवेक अग्निहोत्री, मंगोलिया के एम्बेसडर गोनचिंग गनबोल्ड, फॉरमर डीजी केजी सुरेश, सीनियर जर्नलिस्ट सुनील डांग, रमेश मिश्रा, दीपक पर्वतियार आदि गणमान्य मौजूद रहें।
ICMEI के प्रेसिडेंट एवम् मारवाह स्टूडियो के संस्थापक संदीप मारवाह ने कहा कि आइसीएमईआई सबसे बड़ा और पहला मीड़िया चैम्बर है और हमें पीएमओ का सबसे बड़ा आईडिया क्लीन इंडिया 2 अक्टूबर 2014 से मिला है। जिसे पीएमों ने भी स्वीकार किया और अब पूरे देश में यह सेलीब्रेट होने लगा। साथ ही आगे कहा कि हमारा ये  आईडिया है 12 फरवरी को जर्नलिज्म का फैस्टिवल आयोजित करने के लिए जो कभी किसी  ने नही सोचा था ।और अब हम बड़े स्तर पर पिछले आठ साल से सेलीब्रेट कर रहे है। साथ ही आशा करता हूँ कि पिछले तीन दिनों में आप लोगों नें जर्नलिज्म को एक नये मुकाम पर ले जाने के लिए बहुत कुछ सीखा होगा।

मंगोलिया के एम्बेसडर गोनचिंग गनबोल्ड नें हिंदी में सभी लोगों का स्वागत किया। और संदीप मारवाह को बधाई देते हुए जर्नलिज्म के छात्रों के उज्जवल भविष्य के लिए सीख दी।
कार्यक्रम के बीच में वैलेंनटाइन डे का पोस्टर लॉन्च किया और सभी लोगों को प्रेम दिवस की बधाई देतेे हुए प्रेमपूर्वक रहने का संदेश दिया।
डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने वैलेंटाइन डे की बधाई देते हुए एक अच्छे और सकारात्मक जर्नलिस्ट बनने के गुणों के बारें में बताया।
फॉरमर डीजी केजी सुरेश ने अपने शब्दों से संदीप मारवाह और वहाँ उपस्थित सभी मेहमानों की तारीफ की। और कहा कि दिल्ली नोएडा आज का मक्का मदीना हज मंदिर सब है।
फिल्म सिटी को उन्होंने ज्ञान की गंगा बताया और कहा कि मैं भले ही हरिद्वार रहता हूँ मगर ज्ञान की गंगा में डूबकी लगाने के लिए यहाँ आया हूँ।
साथ ही उन्होंने आज के युवा पत्रकारों की भी तारीफ की और अपने स्वर्ण शब्दों से पत्रकारिता की पढ़ाई कर रहे छात्रों के भीतर जोश पैदा किया।
इस कार्यक्रम की सफलता पर अन्य अतिथियों ने भी डॉ संदीप मारवाह की जमकर तारीफ़ की|
कार्यक्रम के अन्त में पुलवामा में शहीद हुए सैनिको को श्रधांजलि दी गई और उनके लिए 2 मिनट का मौन रखा गया।

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