कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव में हार गए हैं, लेकिन इससे पहले 2000 और 1997 में हुए पार्टी के शीर्ष पद के दो चुनावों में पराजित होने वाले प्रत्याशियों से अधिक वोट हासिल करने में वह सफल रहे हैं। कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने बुधवार को घोषणा की कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में कुल 9385 मत पड़े जिनमें से वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को 7897 वोट मिले और थरूर को 1,072 वोट मिले, वहीं 416 वोट अमान्य करार दिये गए।
थरूर को कुल पड़े वैध मतों में से करीब 12 प्रतिशत वोट मिले। इससे पहले 2000 में हुए कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में सोनिया गांधी के मुकाबले जितेंद्र प्रसाद ने किस्मत आजमाई थी। सोनिया को उस चुनाव में 7448 मत मिले थे, जबकि प्रसाद को केवल 94 वोटों के साथ करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था।
कब किसकों कितने वोट मिले?
इससे पहले 1997 में हुए त्रिकोणीय मुकाबले में शरद पवार और राजेश पायलट के मुकाबले सीताराम केसरी की विजय हुई थी। केसरी को 6224 वोट मिले थे, वहीं पवार को 882 और पायलट को केवल 354 वोट मिले थे। थरूर ने चुनाव के बाद हार स्वीकार करते हुए और खरगे को बधाई देते हुए ट्वीट किया, ‘एक हजार से अधिक सहयोगियों का समर्थन मिलना सम्मान की बात है।
हार पर क्या बोले थरूर?
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में उम्मीदवार रहे शशि थरूर ने अपनी हार के बाद बुधवार को कहा कि वह कभी भी विरोध (डिसेंट) के उम्मीदवार नहीं थे, बल्कि बदलाव के उम्मीदवार थे। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि पार्टी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के चुनाव के प्रावधान वाले कांग्रेस के संविधान के प्रावधान पर अमल करेंगे।