आगरा
भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने जिला उद्योग केंद्र के वरिष्ठ लिपिक वेद प्रकाश को 11 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ थाना एत्माद्दौला में मुकदमा दर्ज कराया। शनिवार को आरोपित को मेरठ की कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।भ्रष्टाचार निवारण संगठन, इकाई आगरा के निरीक्षक कुशलवीर सिंह ने बताया कि दयालबाग निवासी यशपाल सिंह ने शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि वह बिजली विभाग में सरकारी ठेकेदार हैं।वे व्यवसायिक बिजली कनेक्शन की फाइल तैयार कराते हैं। वह अपनी रिपोर्ट लगाते हैं। उसके बाद पत्रावली को जिला उद्योग केंद्र भेजते हैं। उनकी रिपोर्ट पर विद्युत सुरक्षा निदेशालय, कमला नगर से एनओसी मिलती है। इसके बाद व्यवसायी को पत्रावली वापस की जाती है।
यशपाल सिंह ने आरोप लगाया कि मेसर्स दीपक इंजीनियरिंग वर्क्स, फाउंड्री नगर की पत्रावली को तीन जून को जिला उद्योग केंद्र भेजा था। केंद्र के वरिष्ठ लिपिक वेदप्रकाश एनओसी देने के लिए 15 हजार रुपये की मांग करने लगे।11 हजार रुपये में सौदा तय हो गया। शुक्रवार को एनओसी देने की बात कही है। यशपाल सिंह ने भ्रष्टाचार निवारण संगठन की आगरा इकाई में इसकी शिकायत की। उनकी शिकायत पर गोपनीय जांच कराई गई। इसमें आरोप सही पाए गए। अधिकारियों से आदेश लेने के बाद टीम बनाई गई, जिसमें स्वतंत्र गवाह भी शामिल थे।इंस्पेक्टर कुशलवीर सिंह के मुताबिक, शिकायतकर्ता यशपाल सिंह ने शुक्रवार दोपहर एक बजे लिपिक से फोन पर बात की। उन्होंने दो बजे एनओसी लेने के लिए केंद्र के स्टोर में बुलाया। टीम के सदस्य आसपास खड़े हो गए। आरोप है कि लिपिक वेद प्रकाश ने रुपयों की मांग की। इसके बाद ही एनओसी देने के लिए कहा। यशपाल सिंह ने 500 के 22 नोट पकड़ा दिए। आरोपित के नोट गिनते ही टीम ने गिरफ्तार कर लिया। नोटों पर फिलैंथीन पाउडर लगा हुआ था। शिकायतकर्ता और आरोपित के हाथों को सोडियम कार्बोनेट से धुलवाया गया, जिसका रंग गुलाबी हो गया। इसे एक शीशी में सुरक्षित रखा गया। वेद प्रकाश मूलरूप से औरैया के अछल्दा में मुनागंज गांव का रहने वाला है। उसके खिलाफ एत्माद्दौला थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। शनिवार को कोर्ट के आदेश पर उसे जेल भेज दिया गया है।