आगरा
क्रिकेट सट्टे के अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट से जुड़े आगरा के बुकी अंकुश मंगल ने फरीदाबाद की हाई सिक्योरिटी सोसाइटी में अपना ठिकाना बना रखा था।सोसाइटी की सुरक्षा के लिए एक शिफ्ट में सौ गार्ड रहते थे। उसकी लग्जरी लाइफ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह 60 हजार रुपये प्रतिमाह के फ्लैट का किराया देता था। आगरा पुलिस को उसकी गिरफ्तारी के लिए फरीदाबाद पुलिस का सहयोग लेना पड़ा। रविवार को कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने बुकी को जेल भेज दिया।
अंकुश के साथ गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में जगनेर निवासी राजेंद्र मंगल, कमला नगर के सुभाष नगर निवासी सौरभ अग्रवाल, सिकंदरा के सिल्वर एस्टेट निवासी तरुण खन्ना, कमला नगर की सीताराम कालाेनी निवासी अंकुश अग्रवाल, छत्ता के मयूर अपार्टमेंट निवासी संजय कुमार के साथ-साथ जगनेर ग्राम पंचायत का प्रधान आशीष उर्फ आशू सिंघल वांछित है। आशू सिंघल कमला नगर के कर्मयोगी एन्क्लेव में रहता है।
आगरा पुलिस ने दो माह पहले से उसकी गिरफ्तारी की तैयारी की थी। कमला नगर थाने में दर्ज मुकदमे में कोर्ट से गैर जमानती वारंट लेने के बाद जैसे ही कुर्की की कार्रवाई शुरू की तो अंकुश को पुलिस की प्लानिंग की जानकारी हो गई। इसीलिए उसने 25 मई को आगरा आकर कोर्ट में समर्पण किया और अपनी जमानत करा ली। इसके बाद उसने अपने परिवार के सभी लोगों को फरीदाबाद ही बुला लिया था। दूसरे शहर में शिफ्ट होने की प्लानिंग कर रहा था। इससे पहले ही पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
दुबई की सिम से वाट्सएप का इस्तेमाल करता था। नार्मल काल नहीं करता था। वह केवल वाट्सएप काल पर ही बात करता था।
– पुलिस से मजबूत उसका मुखबिर तंत्र था। हर माह वह पुलिस के साथ-साथ अन्य विभागों के लोगों की भी सेवा पहुंचाता रहता था। इसका लाभ यह था कि पुलिस की हर गतिविधि की खबर उसे पहले ही मिल जाती थी और वह पकड़ा नहीं जाता था।
– वर्ष 2017 में आगरा छोड़ने के बाद वह केवल दो से तीन बार ही आगरा आया। यहां अधिक लोगों से संपर्क भी नहीं रखता था।