नोएडा के फिल्म सिटी में मारवाह स्टूडियो में आयोजित 12 वें ग्लोबल फिल्म फेस्टिवल में देशभर से आए फिल्म कलाकारों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
13, 14 और 15 नवंबर तक चलने वाले इस भव्य फिल्म फेस्टिवल में कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य रूप से फिल्मों का प्रमोशन, किताबो का अनावरण, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं देश-विदेश से आए हुए कलाकारों के द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी आकर्षण का मुख्य केंद्र रहा।
12वें फिल्म फेस्टिवल की अंतिम शाम बेहद रोमांचक रही जिसमें भारतीय फिल्म जगत के प्रतिष्ठित कलाकारों सहित दुनियाभर से आए हुए मेहमानों ने अपने व्याख्यान के माध्यम से लोगों को फिल्म के बारे में बताया।
इस कार्यक्रम में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, पद्मश्री मुजफ्फर अली, हिंदी सिनेमा के डीपी अग्रवाल, प्रसिद्ध कलाकार प्रेम चोपड़ा, श्याम श्रॉफ, राहुल रावल, विक्रम गोखले बीएम तिवारी, ICMEI के प्रेसिडेंट संदीप मारवाह सहित कई अन्य हस्तियां उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ICMEI के प्रेसीडेंट संदीप मारवाह ने कहा कि मारवाह स्टूडियो ने फिल्म जगत के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है क्योंकि यहां पर पढ़ने वाले बच्चे भारत सहित दुनिया के देशों में जाकर फिल्म जगत के क्षेत्र में अच्छा काम कर रहे हैं। संदीप मारवाह ने कार्यक्रम में आए हुए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया और कहा कि इस कार्यक्रम की सफलता में हर व्यक्ति का पूर्ण योगदान रहा है।
इस कार्यक्रम में श्रेया कत्तयाल द्वारा लिखे गए किताब का अनावरण भी किया गया साथ ही कार्यक्रम में आए हुए सभी प्रतिष्ठित व्यक्तियों को सम्मानित भी किया गया।
मुख्य अतिथि आरिफ मोहम्मद खान जी को हिंदी सिनेमा संरक्षक अवॉर्ड से सम्मानित किया गया एवं अपने अभिनय से दर्शकों के दिलों पर राज करने वाले प्रेम चोपड़ा जी को सिनेमा भूषण अवार्ड से सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त अखिलेश मिश्रा, राहुल रावल, विक्रम गोखले, बीएम तिवारी, सुषमा शिरोमणी, राजेंद्र गुप्ता, राजा बुंदेला, दीपक बलराज, दीपक केजरीवाल, अमित नाकगिया, नवीन कुमार, पर्वती, वीरेंद्र सक्सेना,मनीष पॉल पपुआ न्यू गिनी की पाउलिया, मलेशिया के एंबेसडर दतो हीदयत अब्दुल हमीद, बोस्निया हर्जोगोबिना के एंबेसडर मोहम्मद सेंजिक सहित देश विदेश के प्रतिष्ठित कलाकारों एवं मेहमानों को सम्मानित किया गया।
3 दिनों तक चलने वाला यह कार्यक्रम बहुत ही भव्य और रोमांचक रहा जिसमें एक दूसरे देशों से लोगों को सीखने का मौका मिला। साथ ही भारत की फिल्म जगत को मजबूत करने का एक नया आयाम भी स्थापित हुआ।