आगरा, जागरण संवाददाता।
आगरा के छत्ता क्षेत्र के प्लाट में फेंकी गई 60 लाख रुपये की सैंपल की दवाएं हरियाणा के पानीपत से लाई गई थीं। इस मामले में तीन लोगों के नाम प्रकाश में आ गए हैं। तीनों के खिलाफ सोमवार देर रात एसटीएफ ने छत्ता थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया। नेटवर्क से जुड़े कई लोगों को हिरासत में लेकर एसटीएफ पूछताछ कर रही है। मुख्य आरोपितों की गिरफ्तारी को दबिश दी जा रही हैं।
एसटीएफ ने 12 मई को ताजगंज क्षेत्र के दो गोदामों से सैंपल की दवा पकड़ी थी। गोदाम संचालक सोनू अग्रवाल को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर दूसरे दिन जेल भेज दिया। उससे पूछताछ में एसटीएफ को सैंपल की दवाओं के काले कारोबार से जुड़े अन्य लोगों के बारे में जानकारी मिली थी। इसके बाद एसटीएफ उनकी तलाश में दबिश दे रही थी। पकड़े जाने के डर से 14 मई को छत्ता क्षेत्र के सिंगी गली के पास खाली प्लाट में कुछ लोग सैंपल की दवाएं फेंक गए।
यहां से एसटीएफ ने 31 बोरी दवाएं जब्त की। औषधि विभाग की टीम ने जांच की तो पता चला कि ये दवाएं भी सैंपल की थीं।250 प्रकार की दवाएं बरामद हुईं। प्लाट में मिले कार्टन पर अतुल गुप्ता लिखा था और मोबाइल नंबर भी था। एसटीएफ ने नंबर के आधार पर जांच की। पास की बस्ती में भी पूछताछ की। कई अन्य लोगों से पूछताछ में पता चला कि कुछ माह पहले ही अतुल गुप्ता ने एक घर किराए पर लेकर सैंपल की दवाओं का गोदाम बनाया था। पकड़े जाने के डर से दवाएं प्लाट में फेंक दी गईं।
एसटीएफ के इंस्पेक्टर हुकुम सिंह ने बताया कि इस मामले में अतुल गुप्ता, आरके गुप्ता और अरुण के नाम प्रकाश में आए थे। तीनों के खिलाफ छत्ता थाने में धोखाधड़ी, साक्ष्य नष्ट करने और औषधि अधिनियम की धारा में मुकदमा दर्ज कराया गया है। आरोपितों की गिरफ्तारी को दबिश दी जा रही है।औषधि निरीक्षक राजकुमार शर्मा ने बताया कि प्लाट में मिलीं सैंपल की दवाओं को शातिर हरियाणा के पानीपत से लाए थे। ये सभी नामी कंपनियों की दवाएं हैं। नेटवर्क में दवा कंपनियों के मेडिकल रिप्रजेंटेटिव, हाकर और दवा विक्रेता भी शामिल हैं। इनके बारे में भी जानकारी की जा रही है।