आगरा के रुनकता में तीन घरों में तोड़फोड़ और आगजनी प्रकरण के मुकदमे की विवेचना क्राइम ब्रांच को स्थानांतरित कर दी गई है। इस मुकदमे में प्रभारी निरीक्षक ही वादी थे। नौ आरोपियों को जेल भेजने के बाद किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई। विवेचना ठंडे बस्ते में डाल दी गई थी। वहीं छात्रा अब भी मथुरा के नारी निकेतन में है। उसको ले जाने के लिए पति नहीं आया है।
रुनकता की रहने वाली छात्रा 11 अप्रैल की दोपहर घर से निकली थी। घर नहीं लौटी। परिजनों ने कस्बा के जिम संचालक साजिद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। 12 अप्रैल को दोनों ने दिल्ली के आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली थी। उनके शादी से संबंधित प्रमाण पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुए। साजिद ने शादी से पहले हिंदू धर्म अपनाया था। उसने अपना नाम साहिल रख लिया था। 13 अप्रैल को पुलिस ने छात्रा को दिल्ली से बरामद होना दर्शाया था। आरोपी साजिद की गिरफ्तारी की मांग को लेकर 15 अप्रैल को कस्बा में पंचायत हुई। इसके बाद कुछ लोगों ने साजिद, उसके भाई और चाचा के घर में तोड़फोड़ व आगजनी की।
बवाल के मामले में थाना सिकंदरा के प्रभारी निरीक्षक बलवान सिंह ने 20 नामजद और 200 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। नौ आरोपियों को पहले दिन ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। सीओ हरीपर्वत एएसपी सत्य नारायण ने बताया कि मुकदमे में वादी प्रभारी निरीक्षक थाना सिकंदरा थे। विवेचना क्राइम ब्रांच में स्थानांतरित की गई है। पुलिस ने प्रारंभिक विवेचना के बाद जो साक्ष्य संकलन किया था, उसे नए विवेचक को उपलब्ध करा दिया गया है। क्राइम ब्रांच आगे की विवेचना करेगी। छात्रा को नारी संरक्षण गृह (नारी निकेतन) मथुरा में रखा गया है। उसे ले जाने के लिए कोई आया नहीं है। वह जब चाहें तब तक वहां रह सकती है।
घटना में पुलिस की ओर से नौ आरोपियों को जेल भेजा गया। इनमें ग्राम प्रधान अनुज कुमार और जिला पंचायत सदस्य भी शामिल थे। पुलिस पर आरोप लगा कि निर्दोष लोगों को जेल भेजा है। ग्राम प्रधान की पिटाई की गई है और उन्हें घर से गिरफ्तार करके जेल भेजा गया है। अधिवक्ताओं और राजनीतिक संगठनों ने भी आरोप लगाए थे। इसके बाद ही विवेचना स्थानांतरित की गई।