आगरा
तेल कंपनियां 21 दिन से थमी बैठी हैं। इससे पहले धीरे धीरे कर 10 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा का बोझ पेट्रोल और डीजल के मद में आम आदमी की जेब पर आ चुका था। कंपनियों की ये खामोशी आम आदमी के लिए राहतभरी ही है क्योंकि पेट्रोल डीजल के साथ साथ अन्य मदों में भी महंगाई की मार पड़ रही है। 23 मार्च से छह अप्रैल तक हर दिन पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ रहे थे। इसके बाद मूल्यवृद्धि का दौर थमा है। पिछले साल तीन नवंबर को पेट्रोल 107.12 रुपये और डीजल 99.04 रुपये प्रति लीटर था। बुधवार को आगरा में पेट्रोल 105.03 रुपये और डीजल 96.58 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बिक रहा है।
गौरतलब है कि प्रतिदिन सुबह छह बजे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। सुबह छह बजे से ही नई दरें लागू हो जाती हैं। पेट्रोल व डीजल के दाम में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य चीजें जोड़ने के बाद इसका दाम लगभग दोगुना हो जाता है। इन्हीं मानकों के आधार पर पेट्रोल रेट और डीजल रेट रोज तय करने का काम तेल कंपनियां करती हैं। डीलर पेट्रोल पंप चलाने वाले लोग हैं। वे खुद को खुदरा कीमतों पर उपभोक्ताओं के अंत में करों और अपने स्वयं के मार्जिन जोड़ने के बाद पेट्रोल बेचते हैं। पेट्रोल रेट और डीजल रेट में यह कॉस्ट भी जुड़ती है।