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अब आगरा में भी दक्षिण भारतीय शैली का मंदिर, वरद वल्‍लभा गणपति की कर सकेंगे पूजा अर्चना

आगरा

छलेसर में दक्षिण भारतीय शैली में विघ्न विनाशक भगवान गणेश जी का अष्टकोणीय मंदिर 12 वर्षों की अथक साधना के बाद भव्य आकार ले चुका है। मंदिर में पद्मश्री पेरूमल सत्पति द्वारा एक वर्ष में बनाई गई वरद वल्लभा गणपति की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। 26 से 28 अप्रैल तक तीन दिवसीय प्रतिमा स्थापना एवं प्राण प्रतिष्ठा समारोह के साथ मंदिर भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा।

बाइपास रोड स्थित प्लेडियम कैफे में मंदिर में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के पोस्टर का विमोचन आयोजक एनआरएल ग्रुप ने किया। ग्रुप के चेयरमैन हरिमोहन गर्ग ने बताया कि पद्मश्री पेरूमल सत्पति ने ब्लू ग्रेनाइट के एक पत्थर को एक वर्ष तक अनवरत तराश कर वरद वल्लभा गणपति की प्रतिमा को आकार दिया है। प्रतिमा चार फुट ऊंची है और इसका वजन करीब तीन टन है। इसे क्रेन से उठाकर मंदिर में स्थापित किया जाएगा।

यतेंद्र कुमार गर्ग ने बताया कि 26 अप्रैल की शाम पांच बजे मंदिर परिसर व उसके आसपास बैंड-बाजों संग मंगल कलश यात्रा निकाली जाएगी। कलश यात्रा के बाद शाम को हवन होगा। उससे पूर्व सुबह विघ्नेश्वर पूजा, वास्तु हवन और दोपहर को शयनादि वासम का कार्यक्रम होगा। 27 अप्रैल की सुबह यज्ञशाला पूजा-गोपुरम, कलश स्थापना, नेत्र दर्शन का कार्यक्रम होगा। शाम को यज्ञशाला पूजा और महागजपति हवन होगा। 28 अप्रैल की सुबह यज्ञशाला पूजा, स्पर्श आहुति, नाड़ी संतानम, प्राण प्रतिष्ठा और कुंभाभिषेकम कार्यक्रम होगा। शाम को वरद वल्लभा गणपति दर्शन व प्रसादी का कार्यक्रम होगा। हवन के लिए पांच कुंडीय यज्ञशाला बनाई गई है। रोहित गर्ग, सिद्धांत गर्ग, अदिति गर्ग, नीरज गर्ग, दीपक गर्ग, मुकेश नेचुरल मौजूद रहे।

 

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