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स्कूलों में छुट्‌टी घोषित; MLA का डीसी पर निशाना, ड्रेन टूटी, मनरेगा मजदूर की मौत

फतेहाबाद जिले में आज फिर घग्गर नदी का जलस्तर 200 क्यूसेक बढ़ा है। बुधवार को जहां 14200 क्यूसेक पानी था, वहीं अब बढ़कर 14400 हो गया है। फतेहाबाद, टोहाना, जाखल, भूना के शहरी व ग्रामीण एरिया में तेज बारिश हुई है। गांव रामसरा में गुरुवार सुबह हिसार मल्टीपर्पज चैनल ड्रेन टूट गई। इससे खेतों में पानी भर गया। किसान अपने स्तर पर ही ड्रेन को बांधने में लगे। बाद में अधिकारी पहुंचे।

ड्रेन को बांधने के दौरान मनरेगा मजदूर की हार्ट अटैक से मौत हो गई। मृतक की पहचान गांव ढिंगसरा निवासी निगे सिंह (42) के तौर पर हुई है। ड्रेन की मरम्मत के लिए आसपास के गांवों से भी मनरेगा मजदूर बुलाए गए थे। इनके साथ निगे सिंह भी आया हुआ था। ड्रेन को बांधने के लिए आसपास के गांवों से भारी संख्या में मनरेगा मजदूर बुलाए गए।

200 से अधिक ग्रामीण व मनरेगा मजदूर जुटे

इनके साथ गांव के ही 200 से अधिक किसान जुटे। करीब छह घंटे बाद भी ड्रेन को बांधने के काम में लगे रहे। भूना शहर के काफी इलाकों में अभी भी जलभराव बरकरार है। तेज बारिश आने पर जलभराव होने से स्थिति और बिगड़ने की आशंका है। मौसम साफ रहने पर ही जलभराव जल्दी खत्म हो पाएगा। बारिश के कारण काम प्रभावित हो रहा है।

वहीं, कांग्रेस विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया ने फतेहाबाद की डीसी मनदीप कौर पर निशाना साधा है। विधायक ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लिखा कि ना कोई तैयारी ना कोई मदद, वो का वो मंजर हर साल। पहले भूना अब रामसरा, अगला कौन? आपकी गलती की किस किस को कीमत चुकानी होगी उपायुक्त महोदया। विधायक ने इस पोस्ट में सीएम नायब सैनी व सीएम कार्यालय को भी टैग किया है।

जिले के 7 में से 4 ब्लॉक के स्कूलों में छुट्‌टी घोषित

फतेहाबाद जिले के सात में से चार ब्लॉक के स्कूलों में छुट्‌टी घोषित कर दी गई है। इनमें जाखल, टोहाना, भूना व रतिया ब्लॉक के स्कूल शामिल हैं। एक बार फतेहाबाद व भट्टू के स्कूलों में भी छुट्‌टी के लिए भी लेटर जारी हो गया। मगर उसे बाद में वापस ले लिया गया।

सभी गांवों के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल खुलवाने की मांग

कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव डॉ.विनीत पूनिया ने जिला प्रशासन से सभी गांवों के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल खुलवाने की मांग की है। उन्होंने डीसी से आग्रह किया कि जिले के केवल 21 गांवों के लिए पोर्टल खोला गया है जबकि नुकसान जिले के अधिकांश गांवों में हैं। इसलिए सभी गांवों के लिए पोर्टल खोला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि डीसी आम लोगों की पीड़ा को गंभीरता से समझें और राहत कार्यों को प्राथमिकता दें।

यह बेहद दुःखद है कि जब हर घर कठिनाई से गुजर रहा है, तब भी प्रशासन तकनीकी और प्रक्रियात्मक बाधाएं खड़ी कर रहा है और प्रभावित लोगों को तहसीलदारों के कार्यालयों के चक्कर लगाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। यह असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा है। प्रशासन का कर्तव्य है कि वह बिना देरी और बिना भेदभाव हर पीड़ित तक पहुंचे।

जिले के इन गांवों में भी हुई बारिश

जिले के गांव बरसीन, एमपी रोही, पारता, झलनिया, हिजरावां कलां, गांव दैयड़, नाढोड़ी, हसंगा, कुलां, मेहूवाला, ढांड, मताना, भिरडाना, ढिंगसरा, जांडवाला सोतर, ढाणी ईस्सर, लाली, बड़ोपल में खूब बारिश हुई है। कुछ गांवों में जलभराव के कारण ग्रामीणों को परेशानी भी झेलनी पड़ रही है।

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