दीवाली के मौके पर मिठाइयों, ‘पकवान और स्नैक्स को देखते हुए खुद पर नियंत्रण रखना थोड़ा मुश्किल होता है। ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही हुई, तो खासकर डायबिटीज वालों में ब्लड ग्लूकोज बढ़ सकता है। इन दिनों लोग आम दिनों की अपेक्षा अधिक तला-भुना खाने लगते हैं। ऐसे में जिन्हें डायबिटीज है, उन्हें सतर्क रहना होगा।
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खानपान के साथ दवा और दिनचर्या का ध्यान
त्योहार की तमाम व्यस्तताओं के बीच अपनी दवा को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है, ताकि लापरवाही भारी ना पड़े। अगर आप समय पर दवा नहीं ले पाते हैं या इसे लेना भूल जाते हैं, तो शुगर का स्तर बिगड़ सकता है। ध्यान रखें त्योहार जरूर मनाएं, पर यह मुसीबत का कारण नहीं बनना चाहिए।
आजकल शुगर फ्री मिठाइयों का चलन है। अगर बहुत जरूरी है तो सीमित मात्रा में इन मिठाइयों का सेवन कर सकते हैं। लेकिन, ध्यान रखें, डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए जिस तरह की जीवनशैली का पालन करते आ रहे हैं, उसमें बदलाव ना करें।
आप जो डाइट ले रहे हैं, उसे जारी रखें। अधिक कैलोरी वाले, तले-भुने भोजन से परहेज रखें। इन सब बातों का ध्यान रखते हुए आप गोलियां, इंजेक्शन जो भी ले रहे हैं, उसे नियमित रूप से लेते रहेंगे, तो आपकी शुगर कंट्रोल में रहेगी, कोई परेशानी नहीं होगी। इससे आपकी दीवाली भी अच्छी होगी ।
क्या ड्राइ फ्रूट्स लेना बेहतर विकल्प?
अगर आप सोच रहे हैं मिठाई की जगह ड्राइ फ्रूट्स से काम चला लेंगे, तो एक हद तक यह सही है, पर अधिक ड्राइ फ्रूट्स जैसे काजू के सेवन से कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है। सीमित मात्रा में ड्राइ फ्रूट्स लेने से परेशानी नहीं होगी। ध्यान रखें ड्राइ फ्रूट्स में फैट अधिक होता है, जो नई मुसीबत पैदा कर सकता है।
डायटीशियन या न्यूट्रिशनिस्ट ने डाइट प्लान दिया है, तो उसे फालो करते रहें। दिनचर्या में सक्रियता, योग-व्यायाम रखेंगे, तो सेहत अच्छी बनी रहेगी। अक्सर लोग दीवाली पार्टी में अनावश्यक चीजों का सेवन कर लेते हैं। अल्कोहल आदि लेने से मुसीबत बढ़ जाती है, क्योंकि इसमें कैलोरी अधिक होती है, इससे लोग भोजन कम कर देते हैं। फ्राइ हुआ खाद्य या अधिक नमक ब्लडप्रेशर की समस्या बढ़ा सकता है। हर चीज एक दायरे में होगी, तो खुशहाली के साथ त्योहार मना पाएंगे।